सुपरस्टार Kumar Sanu की Manoranjannama.com Ranking 4/5
कुमार शानू, वास्तविक नाम- केदारनाथ भट्टाचार्य भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध और सफल पार्श्व गायकों में से एक हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 90 का दशक कुमार शानू की आवाज के लिए जाना जाता था। इस दौरान कुमार सानू ने एक के बाद एक सुपरहिट गाने रिलीज किए, जो आज भी सुने जाते हैं। इसी वजह से उनका नाम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे पसंदीदा गायकों की लिस्ट में रखा जाता है. लगभग 20 हजार गानों का रिकॉर्ड बनाने वाले कुमार सानू ने कई भाषाओं में गाने गाए हैं और एक दिन में 28 गाने गाकर 'गिनीज बुक' में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्हें पार्श्व गायन का दिग्गज माना जाता है। कुमार शानू को लगातार 5 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है। 2009 में उन्हें उनकी बेहतरीन गायकी के लिए 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया गया। मनोरंजननामा ने इनके करियर ग्राफ, हिट फिल्मों ओर वेबसीरीज, इनकी सोशल वर्थ, नेटवर्थ और कई अन्य पहलुओं पर अच्छे से गौर करते हुए इन्हें 4/5 की रैंकिंग दी है, तो आईये आज आपको बताते हैं इनके बारे में विस्तार से.......
पूरा नाम | केदारनाथ भट्टाचार्य (मूल नाम) |
प्रसिद्ध नाम | कुमार सानु |
जन्म | 20 अक्टूबर, 1957 |
जन्म भूमि | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
अभिभावक | पिता- पशुपति भट्टाचार्य |
पति/पत्नी | रीटा भट्टाचार्य, सलोनी |
संतान | तीन पुत्र- जेस्सी, जीको और जान; दो पुत्रियाँ- शन्नों और एना |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | गायिकी |
पुरस्कार-उपाधि | फिल्मफेयर अवार्ड (5 बार), 'पद्मश्री' (2009) |
प्रसिद्धि | पार्श्वगायक |
नागरिकता | भारतीय |
व्यवसाय | गायक, संगीत निर्देशक |
रिकॉर्ड लेबल | सोनी म्यूज़िक, टी-सिरीज़, टिप्स, सारेगामा |
अन्य जानकारी | कुमार सानू ने गायकी में अपने कॅरियर की शुरुआत 1986 में आई बांग्लादेशी फिल्म “तीन कन्या” से की, जिसके बाद वह अपना कॅरियर बनाने के लिए कोलकाता से मुंबई चले आये थे। |
परिचय
20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिता पशुपति भट्टाचार्य स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार शानू को गाना और तबला बजाना सिखाया था. गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले कुमार शानू ने गायकी में अपना अलग ही अंदाज कायम रखा है. कुमार सानू के घर में शुरू से ही संगीत की परंपरा थी। पिता शास्त्रीय संगीत के शिक्षक थे। मां भी गाती थीं. बड़ी बहन भी रेडियो पर गाती हैं और आज भी वह पिता का संगीत विद्यालय चला रही हैं। इस तरह पारिवारिक माहौल ने कुमार शानू को एक अच्छा गायक बना दिया।
350 से ज्यादा फिल्मों के लिए गाना गाने वाले कुमार सानू को सफलता साल 1990 में बनी फिल्म 'आशिकी' से मिली, जिसके गाने सुपरहिट हुए और कुमार सानू लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए। हालांकि, 'आशिकी' कुमार सानू की पहली फिल्म नहीं थी। जगजीत सिंह ने उन्हें पहला ब्रेक दिया। उन्होंने उन्हें कल्याणजी-आनंदजी से मिलवाया, जिन्होंने 1989 की फिल्म 'जादूगर' के लिए कुमार सानू से गाना गवाया।
विवाहित जीवन
कुमार सानू अपने पिता और बड़ी बहन के साथ कोलकाता के सिंधी इलाके में रहते थे। उन्होंने अपने जीवन में दो बार शादी की है। उन्होंने पहली शादी 80 के दशक में रीता भट्टाचार्य से की, जिनसे उनके तीन बेटे हुए- जेसी, जिको और जान। करियर के सफल दौर में उनका नाम बॉलीवुड एक्ट्रेस मीनाक्षी के साथ भी जुड़ा, जिसके कारण उन्हें तलाक का सामना करना पड़ा। मीनाक्षी और रीता दोनों से अलग होने के बाद कुमार सानू ने बीकानेर की सलोनी से शादी की, जिनसे उनकी दो बेटियां हैं- शैनन और अन्ना।
मंच से शुरुआत
कुमार सानू ने 1979 में स्टेज पर परफॉर्म करना शुरू किया था। वह किशोर कुमार के फैन थे, इसलिए उनके गाने स्टेज पर गाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी अलग गायन शैली से अपनी पहचान बनाई। धीरे-धीरे उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ने लगी तो उन्हें कोलकाता के कई रेस्तरां में गाने का मौका मिला। वह उनमें गाते रहे और मुंबई जाने के लिए पैसे जुटाते रहे। उसी दौरान उन्होंने बांग्लादेशी फिल्म 'तीन कन्या' में गाने गाए। फिर जब वह मुंबई आए तो वहां भी कई रेस्टोरेंट में गाते रहे, लेकिन इस काम के साथ-साथ उनकी मुलाकात म्यूजिक डायरेक्टर्स से भी होती रही। 1987 में उन्हें फिल्म 'आंधियां' में गाने का मौका मिला, जिसमें सभी संगीतकारों को उनकी आवाज पसंद आई। उसी समय कल्याणजी-आनंदजी ने उन्हें फिल्म 'जादूगर' में गाने का मौका दिया। इसकी वजह यह थी कि एक बार अमिताभ बच्चन ने कहा था कि - 'किशोर कुमार के बाद इस लड़के की आवाज मुझसे मिलती है।'
रोचक प्रसंग
कुमार सानू
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कुमार सानू कहते हैं कि- ''आज भी मुझे एक बात सोचकर हंसी आती है. जब शुरुआत में मैं बप्पी लाहिरी से मिलने उनके बंगले पर गया तो काफी देर तक बाहर खड़ा रहा और उनसे मिलने के लिए अंदर जाने की कोशिश की. सोचता रहा। फिर मैंने सोचा कि जब वे बाहर आएंगे तो मैं उनसे मिलूंगा और अपनी बात कहूंगा। लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद भी वे बाहर नहीं आए और मैं वहीं बैठा रहा। तभी एक गार्ड मेरे पास आया और पूछने लगा मैं कौन हूं और यहां क्यों हूं। मैं क्यों बैठा हूं? तो मैंने कहा कि मैं एक गायक हूं, मैं बप्पी दा के संगीत निर्देशन में गाना गाना चाहता हूं, इसलिए उनसे मिलना चाहता हूं। गार्ड ने कहा कि बप्पी दा ने सूचित किया तुम्हें सुबह से ऐसे ही यहां बैठा देखकर पुलिस। हां। पुलिस अभी आने वाली होगी। अगर तुम इन सब से बचना चाहते हो तो तुरंत यहां से चले जाओ। यह सुनकर मैं तुरंत वहां से चला गया। इसके बाद जब मैंने गाना गाया उनके संगीत निर्देशन में गाने, एक बार मैंने उनसे यह बात कही थी तो वह खूब हंसे थे। फिर मैंने उनके साथ करीब 34 फिल्मों में काम किया।
करियर
कुमार शानू ने गायन में अपने करियर की शुरुआत 1986 की बांग्लादेशी फिल्म "तीन कन्या" से की, जिसके बाद वह अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता से मुंबई चले गए। यहां उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल 1989 में फिल्म 'हीरो हीरालाल' से की थी. इस फिल्म में उन्होंने "जश्न हैं मोहब्बत का" गाने में अपनी आवाज दी थी.
साल 1989 में ही जगजीत सिंह ने कुमार शानू को कल्याणजी-आनंदजी से मिलवाया। पहली ही मुलाकात में उन्होंने कुमार सानू को अपना नाम बदलने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम केदारनाथ भट्टाचार्य से बदलकर कुमार सानू रख लिया। उन्हें इस नाम के साथ रखने के पीछे एक बड़ी वजह थी. दरअसल कुमार सानू अपनी आवाज को किशोर कुमार से प्रेरित मानते थे. साल 1990 में 'आशिकी' के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। इस अवॉर्ड के बाद उन्हें फिल्म 'साजन' (1991), 'दीवाना' (1992), 'बाजीगर' (1993) और '1942: ए लव स्टोरी' के लिए लगातार चार बार फिल्मफेयर बेस्ट सिंगर अवॉर्ड मिला। कुमार सानू ने अपने करियर में अनु मलिक, जतिन ललित और हिमेश रेशमिया जैसे बड़े संगीतकारों के साथ काम किया है।
कुमार शानू को ज्यादातर 1990 के दशक की फिल्मों में उनके पार्श्व गायन के लिए जाना जाता है। उन्हें पहली सफलता फिल्म 'जुर्म' के गाने 'जब कोई बात बिगड़ जाए' से मिली। लेकिन 'आशिकी' ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म से शुरुआत करके उन्होंने 1991 से 1995 तक लगातार पांच वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।
संगीत से दूरी
90 के दशक में अपनी आवाज से हमें मंत्रमुग्ध करने वाले कुमार शानू ने बदलते दौर के संगीत से खुद को दूर कर लिया, जिसके बाद उन्होंने लंबे समय तक कोई गाना रिकॉर्ड नहीं किया; लेकिन कुमार सानू ने 2012 की फिल्म 'राउडी राठौड़' के गाने 'छमक छल्लो' से वापसी की, जिसके बाद वह 2015 की फिल्म 'दम लगा के हईशा' में भी अपनी आवाज के साथ नजर आए। इस फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह है कि यशराज ने अपने 60 साल पुराने इतिहास में पहली बार फिल्म में लता मंगेशकर की आवाज की जगह कुमार शानू को लिया था।
गीत
क्रमांक | गीत | फ़िल्म | वर्ष |
---|---|---|---|
1. | दर्द करारा | दम लगा के हइशा | 2015 |
2. | चाँद सितारे, फूल और कलियाँ | कहो न प्यार है | 2000 |
3. | तेरी चुनरिया दिल ले गई | हेलो ब्रदर | 1999 |
4. | आँखों की गस्ताखियाँ | हम दिल दे चुके सनम | 1999 |
5. | जो हाल दिल का | सरफ़रोश | 1999 |
6. | पहली-पहली बार मोहब्बत की है | सिर्फ तुम | 1999 |
7. | लड़की बड़ी अनजानी है | कुछ-कुछ होता है | 1998 |
8. | ओढ़ ली चुनरिया तेरे नाम की | प्यार किया तो डरना क्या | 1998 |
9. | तुझे देखा तो ये जाना सनम | दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे | 1995 |
10. | हम उनसे मोहब्बत करके | द गेम्बलर | 1995 |
11. | राजा को रानी से प्यार हो गया | अकेले हम अकेले तुम | 1995 |
12. | जब दिल न लगे दिलदार | कुली नं. 1 | 1995 |
13. | कुछ न कहो | 1942-ए लव स्टोरी | 1994 |
14. | एक लड़की को देखा तो | 1942-ए लव स्टोरी | 1994 |
15. | चाँद से परदा कीजिए | आओ प्यार करें | 1994 |
16. | इस तरह आशिकी का | इम्तिहान | 1994 |
17. | राह में उनसे मुलाकात हो गई | विजयपथ | 1994 |
18. | घूँघट की आढ़ से दिलबर का | हम हैं राही प्यार के | 1993 |
19. | ऐ काश के हम होश में अब | कभी हाँ कभी न | 1993 |
20. | तेरी मोहब्बत ने | रंग | 1993 |
21. | तुम्हें देखें मेरी आँखें | रंग | 1993 |
22. | दिल चीर के देख तेरा ही नाम होगा | रंग | 1993 |
23. | जीता था जिसके लिए | दिलवाले | 1993 |
24. | कितनी हसरत है हमें | सैनिक | 1993 |
25. | मेरी वफाएँ याद करोगे | सैनिक | 1993 |
26. | सातों जनम मैं तेरे | दिलवाले | 1993 |
27. | कितना हसीन चेहरा | दिलवाले | 1993 |
28. | जो तुम्हें चाहे उसको सताना | दिलवाले | 1993 |
29. | इस प्यार से मेरी तरफ न देखो | चमत्कार | 1992 |
30. | सोचेंगे तुम्हें प्यार | दीवाना | 1992 |
31. | तुम्हें अपना बनाने की कसम | सड़क | 1991 |
32. | जब जब प्यार पे पहरा | सड़क | 1991 |
33. | दिल है कि मानता नहीं | दिल है कि मानता नहीं | 1991 |
34. | तू प्यार है किसी और का | दिल है कि मानता नहीं | 1991 |
35. | जियें तो जियें तो कैसे | साजन | 1991 |
36. | मेरा दिल भी कितना पाग़ल है | साजन | 1991 |
37. | साँसों की जरूरत है जैसे | आशिकी | 1990 |
38. | दिल का आलम | आशिकी | 1990 |
39. | जाने जिगर जानेमन | आशिकी | 1990 |
40. | मैं दुनिया भुला दूँगा | आशिकी | 1990 |
41, | बस एक सनम चाहिए | आशिकी | 1990 |
42. | नजर के सामने जिगर के पास | आशिकी | 1990 |
43. | तू मेरी जिंदगी है | आशिकी | 1990 |
44. | अब तेरे बिन जी लेंगे हम | आशिकी | 1990 |
45. | धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में | आशिकी | 1990 |
46. | कितने दिनों के बाद | आंदोलन | 1995 |
47. | तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार | दीवाना | 1992 |