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Happy Birthday Madhur Bhandarkar : कभी आर्थिक तंगी के कारण Madhur को कर दिया गया था स्कूल से बाहर, ऐसे बैन इंडस्ट्री के सफल निर्देशक 

 

मधुर भंडारकर बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, निर्माता और निर्देशक हैं। मधुर के बचपन से लेकर बड़े होने और फिल्मी दुनिया में नाम कमाने तक की कहानी सुनने के बाद यह विश्वास हो गया है कि अगर आप मन लगाकर चाहोगे तो सफलता जरूर मिलेगी। खुद पर भरोसा रखने वाले मधुर की राह में गरीबी भी नहीं टिक सकी। मधुर ने यूं तो कई जबरदस्त फिल्में बनाई हैं लेकिन अगर उनकी जिंदगी पर भी फिल्म बने तो वह भी कम हिट नहीं होगी। चांदनी बार', 'सत्ता', 'कॉर्पोरेट', 'पेज 3', 'ट्रैफिक सिग्नल', 'फैशन' जैसी फिल्में बनाने वाले मधुर आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर हम बताते हैं मधुर के फर्श से अर्श तक पहुंचने की दिलचस्प कहानी।


26 अगस्त 1968 को जन्मे मधुर भंडारकर का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। मधुर के पिता एक बिजली ठेकेदार थे। जब मधुर करीब 12 साल के थे तो उनके पिता को बिजनेस में भारी घाटा हुआ। कहा जाता है कि आर्थिक तंगी के कारण मधुर को स्कूल से निकाल दिया गया था। घर चलाने में अपने पिता का सहयोग करने के लिए उन्होंने एक वीडियो कैसेट पार्लर में काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान मधुर डांस बार की लड़कियों के साथ-साथ फिल्मी हस्तियों को भी कैसेट पहुंचाने जाते थे। इतना ही नहीं, उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल पर टॉफी-च्यूइंग गम भी बेची। हालात इतने खराब थे कि कई बार मुझे भूखे पेट सोना पड़ा, लेकिन इन हालात में भी मैं टूटा नहीं बल्कि समाज को बेहतर तरीके से समझा।


कम उम्र ने मधुर को अनुभव दे दिया
छोटी उम्र में इन संघर्षों ने मधुर भंडारकर को जिंदगी को करीब से देखने का मौका दिया। किशोरावस्था में मिली सीख ने ही उन्हें 'चांदनी बार' जैसी शानदार फिल्म बनाने का रास्ता दिखाया। मधुर ने सामाजिक मुद्दों पर ऐसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं, जिनकी आज भी हर कोई तारीफ करता है। मधुर ने एक बार सोशल मीडिया पर अपने बचपन की झलक दिखाते हुए बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा था कि 'मैंने बहुत कम उम्र में ही कमाना शुरू कर दिया था। साइकिल से वीडियो कैसेट पहुंचाते थे। मैं बच्चों से बस यही कहना चाहूंगी कि खुद पर विश्वास करना कभी न छोड़ें'।


'रंगीला' से पर्दे पर आए और 'चांदनी बार' जैसी हिट फिल्में दीं
जब मधुर को फिल्में बनाने का शौक हुआ तो उन्होंने असिस्टेंट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. राम गोपाल वर्मा के साथ काम करते हुए फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखीं। 1995 में उन्होंने राम गोपाल की फिल्म 'रंगीला' में एक छोटा सा रोल भी निभाया। कुछ साल बाद उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'त्रिशक्ति' बनाई। इस फिल्म को सफलता नहीं मिली तो थोड़ी निराशा जरूर हुई लेकिन हिम्मत नहीं हारी। दो साल बाद 2001 में जब 'चांदनी बार' बनी तो तब्बू और अतुल कुलकर्णी स्टारर ये फिल्म इतनी जबरदस्त हिट हुई कि मधुर को बॉलीवुड के बड़े डायरेक्टर्स की कतार में खड़ा कर दिया। यह फिल्म इसलिए इतनी हिट हुई क्योंकि मधुर ने डांस बार की जिंदगी को बहुत करीब से समझा और उसे पर्दे पर उतारा।


मधुर भंडारकर की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने 15 दिसंबर 2003 को अपनी गर्लफ्रेंड रेनू नंबूदिरी से शादी की और उनकी एक बेटी सिद्धि है। मधुर अब आलीशान जिंदगी जी रहे हैं। फिल्में सफल रहीं तो कमाई भी अच्छी रही। अब उनके पास न तो पैसों की कमी है और न ही शोहरत की। सिद्धिविनायक में विशेष आस्था रखने वाले मधुर की आने वाली फिल्म 'बबली बाउंसर' 23 सितंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने जा रही है।