×

Prasoon Joshi Birthday Special : मायानगरी में इस नाम से मशहूर है प्रसून जोशी, सीमा पार भी अपने गाने से मचा चुके है धमाल 

 

जब उन्होंने कोका कोला को ठंड का मतलब समझाया तो लोगों को ठंड का असली मतलब समझ आया। फिर जब उन्होंने कहा कि दोबारा क्लोरोमिंट खाने का कारण मत पूछना तो लोग हंसने लगे। बेशक, हम किसी और की नहीं बल्कि मायानगरी में जिंगल किंग के नाम से मशहूर प्रसून जोशी की बात कर रहे हैं, जिन्होंने 16 सितंबर 1971 को उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में जन्म लेकर इस दुनिया में अपना पहला कदम रखा था। बर्थडे स्पेशल में हम आपको प्रसून जोशी की जिंदगी के कुछ पन्नों से रूबरू करा रहे हैं।


गौर करने वाली बात यह है कि प्रसून जोशी ने फिजिक्स में मास्टर्स किया, जिसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, प्रसून जोशी दिल्ली स्थित एक विज्ञापन कंपनी में शामिल हो गए और लगभग 10 वर्षों तक सेवा की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी मैकनेयर एरिकसन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। इस दौरान प्रसून जोशी ने पूछा कि हम ठंडा यानी कोका कोला, क्लोरोमिंट क्यों खाते हैं? दोबारा मत पूछो और अतिथि देवो भव जैसी टैगलाइन लिखकर सबका दिल जीत लिया।


आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रसून जोशी ने प्रसिद्धि का सफर महज 17 साल की उम्र में शुरू कर दिया था। दरअसल, प्रसून को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था। यही कारण था कि उन्होंने अपनी पहली किताब 'मैं और वो' तब लिखी, जब वह महज 17 साल के थे। फिल्मों की बात करें तो प्रसून जोशी ने फिल्म लज्जा से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली-6, सत्याग्रह, गजनी, लंदन ड्रीम्स, तारे जमीन पर और रंग दे बसंती समेत कई फिल्मों के लिए हिट गाने लिखे, जिससे वह लगातार शोहरत की सीढ़ियां चढ़ते गए।


प्रसून जोशी ने अपने करियर में कई हिट गाने लिखे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली 6 का अर्ज़िया बहुत पसंद है। हुआ ये कि इस गाने को लेकर उन्हें पाकिस्तान के पर्यटन मंत्रालय से एक महिला का फोन आया ।वह महिला बहुत वृद्ध थी। उन्होंने प्रसून से ये गाना गाने की इच्छा जताई। प्रसून ने उस महिला का स्वागत करते हुए 'दादरों डरारों हैं माथे पे मौला' भी गाया और महिला फोन पर ही फूट-फूटकर रोने लगी। इस तरह प्रसून के गाने ने सरहद पार भी खूब धमाल मचाया।