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Sanjay Dutt Birthday Special : इस जानलेवा बिमारी की चपेट में आ गए थे Sanjay Dutt, चली जाती है हर साल लाखों की जान 

 

आज बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त का जन्मदिन है। अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीतने वाला ये एक्टर कुछ साल पहले फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो गया था। संजय दत्त को चौथी स्टेज का लंग कैंसर था। आमतौर पर इस स्टेज में कैंसर को हराना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन उन्होंने फेफड़ों के कैंसर को हरा दिया और अब वह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। आइए आज संजय दत्त के जन्मदिन के मौके पर फेफड़ों के कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से ज्यादातर मौतें फेफड़ों के कैंसर के कारण होती हैं। इस कैंसर के मामले भी हर साल बढ़ते जा रहे हैं। 40 साल से कम उम्र के लोग भी तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं। फेफड़े के कैंसर के 20 से 30 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं। चिंता की बात यह है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते वे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।


कैंसर सर्जन डॉ.अंशुमान कुमार बताते हैं कि शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं का अचानक तेजी से बढ़ना ही कैंसर है। जब यह फेफड़ों में होता है तो इसे फेफड़ों का कैंसर कहा जाता है। तम्बाकू, धूम्रपान और वायु प्रदूषण इस कैंसर के फैलने का प्रमुख कारण हैं। भारत में फेफड़ों के कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। मरीजों में इस कैंसर के बारे में जानकारी का भी अभाव है। यही कारण है कि 80 से 90 फीसदी मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं। लेकिन अब इस बीमारी के इलाज के लिए कई बेहतर तकनीकें आ गई हैं। यदि प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का पता चल जाए तो फेफड़ों का कैंसर लाइलाज नहीं है।


डॉ.अंशुमन का कहना है कि देश में फेफड़े के कैंसर के कई मरीजों का टीबी का इलाज किया जाता है। प्राथमिक स्तर पर डॉक्टर फेफड़ों के किसी भी संक्रमण या खांसी को टीबी मानते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि टीबी का इलाज चल रहा है और मरीज की तीन से चार सप्ताह तक निगरानी करें। अगर इस दौरान दिए गए इलाज के बाद भी राहत न मिले तो फेफड़ों के कैंसर की जांच कराएं। ऐसा करने से फेफड़ों के कैंसर के मामलों का समय पर पता चल जाएगा। जिससे मरीजों का इलाज किया जा सकेगा।


इसे कैसे बचाया जा सकता है?
फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें।
अगर किसी व्यक्ति को लगातार खांसी की समस्या रहती है तो उन्हें कैंसर की जांच करानी चाहिए।
जो लोग धूम्रपान करते हैं वे इसे छोड़ने का प्रयास करें
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भी व्यापक स्तर पर कदम उठाने होंगे।