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Jagjit Singh Birth Anniversary : पाकिस्तान तक पहुँच गई थी जगजीत सिंह की दीवानगी, मशहूर है गज़ल सम्राट और पाकिस्तान जासूस का किस्सा 

 

जगजीत सिंह ग़ज़ल की दुनिया के बादशाह थे और रहेंगे। जगजीत ने अपनी मखमली आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया। लोगों के सुख-दुख दोनों में उनकी आवाज शामिल होती थी। उनके गाए गाने आज भी लोग पूरे मन और भाव से सुनते हैं. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन लोग हमेशा उनके गाने गाते रहेंगे। आज इस महान गजल गायक की 82वीं जयंती है। जगजीत सिंह ने दुनिया में देश का मान बढ़ाया। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। वर्ष 2003 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 2014 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किये गये।


जगजीत सिंह अपने कॉलेज के दिनों से ही ग़ज़ल गाते थे। इसके बाद से उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ती ही गई. सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी हस्तियां भी उनकी आवाज की दीवानी थीं। इतना ही नहीं पाकिस्तान की आम जनता के साथ-साथ वहां की बड़ी-बड़ी हस्तियां भी उनकी फैन थीं। जगजीत सिंह के लिए समय-समय पर पाकिस्तान में शो आयोजित किये जाते रहे। यहां हम आपको उनका पाकिस्तान से जुड़ा एक किस्सा बता रहे हैं।


ये साल 1979 था, जब जगजीत सिंह पहली बार अपनी पत्नी चित्रा सिंह के साथ पाकिस्तान में एक शो में गए थे. बांग्लादेश को लेकर तनाव और भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ युद्ध अभी भी जारी था. इसी तनाव के बीच जब जगजीत अपनी पत्नी के साथ पाकिस्तान पहुंचे तो वहां के लोगों के व्यवहार से उन्हें समझ आ गया कि उनके साथ सामान्य व्यवहार नहीं किया जा रहा है. जगजीत सिंह और चित्रा सिंह की नजर एक आदमी पर पड़ी. जब वे हवाईअड्डे से बाहर निकले तब भी उन्होंने उस आदमी को देखा। जगजीत सिंह एक ही शख्स को बार-बार देखने से घबरा गए. जब जगजीत और चित्रा दोनों होटल पहुंचे तो कुछ देर बाद कमरे की घंटी बजी. जगजीत ने दरवाज़ा खोला तो वही आदमी खड़ा था. जगजीत ने उनसे पूछा, "क्या आप हमारी जासूसी कर रहे हैं?"


जासूस ने जगजीत सिंह को दिया खास तोहफा

उस व्यक्ति ने जवाब दिया 'हां'. वह एक पाकिस्तानी जासूस था. उन्होंने जगजीत सिंह को अपने बारे में बताया। जगजीत को आश्चर्य हुआ. लेकिन जगजीत को उस वक्त झटका लगा जब जासूस ने खुद को उनका बहुत बड़ा फैन बता दिया। इतना ही नहीं जासूस उनके लिए एक खास तोहफा भी लेकर आया था। यह उपहार शराब की एक बोतल थी। यहां की कहानी "बात निकलेगी तो फिर: द लाइफ एंड म्यूजिक ऑफ जगजीत सिंह" किताब से ली गई है।