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फिल्मों में लड़कियों के कपड़े फाड़ने के कारण इस एक्टर ने खाई थी मां की डांट, फिर करना पड़ा था ये काम

 

बॉलीवुड एक्टर रंजीत ने अपने करियर की शुरुआत 70 के दशक में की थी। अपने 5 दशकों के करियर के दौरान उन्होंने 500 फिल्मों में काम किया है।अधिकतर फिल्मों में वह विलेन का किरदार निभाते नजर आए है। उनकी गिनती बॉलीवुड इंडस्ट्री के पॉपुलर विलेन में की जाती थी। उन्होंने ‘शर्मीली’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘बंधे हांथ’, ‘चोर सिपाही’ और ‘हाउसफुल 4’ सहित कई फिल्मों में काम किया है। इसके साथ-साथ बतौर डायरेक्टर रंजीत ने ‘कारनामा’ और ‘गजब तमाशा’ नामक दो फिल्में भी बनाई थी। किसी समय रंजीत का फिल्मों में निगेटिव किरदार देख दर्शक थर-थर कांपने लगते थे। विलेन का किरदार देख कई बार असल जिंदगी में भी लोग उन्हें गलत इंसान समझ लेते थे। एक्टर रंजीत ने रेडियो नशा के साथ बातचीत के दौरान अपने करियर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया, कि सिर्फ लोगों को ही नहीं बल्कि उनके परिवार को भी उनका यह विलेन का किरदार बिल्कुल भी पसंद नहीं था। यहां तक की सिचुएशन ऐसी थी कि उनकी मां ने ही एक बार उन्हें उनके नेगेटिव किरदार के चलते घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

रंजीत की मां ने निकाला घर से बाहर

एक्टर रंजीत को उनके नेगेटिव किरदार के चलते असल जिंदगी में भी लोग गलत इंसान समझ लेते थे। साल 1971 में आई उनकी फिल्म ‘शर्मीली’ में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके साथ ऐक्ट्रेस राखी भी थी। फिल्म में रंजीत एक विलेन का किरदार निभा रहे थे, और एक सीन में उन्हें राखी के किरदार का शोषण करना था। रंजीत का यह रूप देख थिएटर से उनका परिवार गुस्से से बाहर चला गया था। इसके बाद स्थिति इतनी अधिक बिगड़ गई थी, कि उनकी मां ने उन्हें घर से बाहर का रास्ता तक दिखा दिया था। दिए गए इंटरव्यू के दौरान रंजीत ने इस बारे में खुलासा किया, कि मेरी मां ने मेरा यह रोल देख मुझसे कहा था, कि ‘इस घर में आने की तेरी हिम्मत कैसे हुई। तू औरतों के कपड़े पड़ता है यह कैसा काम है।’ और उन्होंने मुझे घर से जाने तक को बोल दिया था।

रंजीत ने राखी से ली सहायता

रंजीत ने आगे बताया कि जब उनकी मां ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया तो उन्हें कोई रास्ता दिखाई नहीं दिया। उन्होंने राखी से ही इस बारे में बात की और सहायता मांगी। रंजीत ने आगे बताया कि ‘राखी जी बेहद सुंदर और सुशील थी और मेरी मां उन्हें देखकर रोने लगी। इसके साथ ही उन्होंने राखी से कहा सत्यानाश हो मेरे बेटे का मैं उसकी तरफ से माफी मांगती हूं तुझसे’‌। लेकिन राखी ने उन्हें समझाया की मां हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। तब कहीं जाकर मेरी मां ने मुझे दोबारा स्वीकार किया था।

दोस्ती के लिए ठुकराया गब्बर का किरदार

इंटरव्यू के दौरान जब रंजीत से एक और सवाल किया गया कि क्या रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले’ में गब्बर का किरदार उन्होंने डैनी डेन्जोंगपा संग अपनी दोस्ती की इज्जत के कारण छोड़ा था, तो उन्होंने इसका जवाब हां में दिया और कहा कि हां यह सच है। मैं उसे समय बेंगलुरु में किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त था और डैनी अफगानिस्तान ने फिरोज खान की फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग में व्यस्त थे। इस फिल्म में हेमा मालिनी के साथ एक स्पेशल गाना था उस समय अभिनेताओं के शेड्यूल फिक्स नहीं होते थे। रंजीत ने आगे बताया कि जब डैनी से फिरोज खान ने पूछा की ‘शोले’ फिल्म में तुम कौन सा किरदार निभाओगे। क्योंकि उसमें तीन मुख्य किरदार धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन और संजीव कुमार तो पहले से ही है। अब क्या तुम चौथे और पांचवें होंगे। मैं अपनी इस फिल्म में तुम्हें हेमा मालिनी के साथ देता हूं। लेकिन उस समय डैनी को लगा कि उन्हें ‘धर्मात्मा’ में ही काम करना सही रहेगा, क्योंकि उस समय तो ‘शोले’ पर काम की शुरुआत भी नहीं हुई थी, जिसके चलते वह ‘शोले’ के लिए ना ही हां कर सके और ना इनकार,

रंजीत को मिला था ‘गब्बर’ का किरदार

रंजीत ने एक और खुलासा किया कि मुझे बाद में गब्बर का किरदार ऑफर किया गया। उस समय तक मैं और डैनी कुछ फिल्मों में काम भी कर चुके थे, लेकिन मैंने उस समय मना कर दिया और कहा कि डैनी और मैं अच्छे दोस्त हैं, जिसके चलते मैं यह फिल्म नहीं कर पाऊंगा। लेकिन मैंने प्रोडक्शन टीम से कहा कि अगर डैनी यह फिल्म नहीं करना चाहता और वह कहता है कि यह फिल्म किसी और को दे दो, तो मैं यह करने के लिए तैयार हूं, लेकिन उस समय कई बड़े सितारों के नाम इस फिल्म के साथ जुड़े हुए थे, जिसके चलते प्रोडक्शन टीम के पास इंतजार करने का समय ही नहीं था और यह किरदार अमजद खान को मिल गया।