बस एक गलती के कारण बेमौत मारा गया भारत का ये जांबाज जासूस, जेल में बिताए थे 18 साल, इस Video में देखे उनकी अनसुनी कहानी
दुनियाभर में जासूसों की ओर से कई दिलचस्प कहानियां दर्ज हैं। इन सबके बीच एक ऐसे बहादुर शख्स की कहानी है जो न सिर्फ अपना नाम और पहचान बदलकर पाकिस्तान में रहा, बल्कि सेना में मेजर भी बन गया। रवीन्द्र कौशिक ने अपने जीवन के 18 साल पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में यातना सहते हुए बिताए लेकिन उन्होंने भारत के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। इस वीर भारतीय रवीन्द्र कौशिक की अंततः पाकिस्तान में यातना के कारण मृत्यु हो गई। मलेशिया के कृष्णा धर ने भी रवींद्र के जीवन पर एक किताब लिखी है। इस खास कार्यक्रम में देखिए द ब्लैक टाइगर की कहानी।
अपने शानदार काम की वजह से रवीन्द्र कौशिक को भारतीय खुफिया एजेंसी में ब्लैक टाइगर के नाम से जाना जाने लगा। रवीन्द्र कौशिक को यह नाम भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। जिस तरह से रवींद्र कौशिक पाकिस्तानी सेना में आगे बढ़ रहे थे, उससे उम्मीदें थीं कि एक दिन वह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बन सकते हैं। हालांकि, 1983 में एक गलती की वजह से रवींद्र कौशिक की पाकिस्तान में पोल खुल गई। दरअसल, साल 1983 में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने रवींद्र कौशिक की मदद के लिए एक और जासूस को पाकिस्तान भेजा था, लेकिन उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को रवींद्र कौशिक की पहचान बताई।
इसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने रवींद्र कौशिक को गिरफ्तार कर लिया और दो साल तक कड़ी यातनाएं दीं। इस दौरान रवीन्द्र कौशिक को यह भी झांसा दिया गया कि अगर वह भारत सरकार से जुड़ी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक कर देंगे तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन रवीन्द्र कौशिक ने इनकार कर दिया। इसके बाद साल 1985 में रवींद्र कौशिक को पाकिस्तानी अदालत ने मौत की सजा सुनाई, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया. गिरफ़्तारी के बाद रवीन्द्र कौशिक ने अपने जीवन के 16 साल अलग-अलग जेलों में बिताए। आख़िरकार 2001 में तपेदिक और दिल का दौरा पड़ने से रवीन्द्र कौशिक की मृत्यु हो गई। आज भी रवींद्र कौशिक का नाम भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के सबसे बेहतरीन खुफिया अधिकारियों में आता है। वह भारत माता के वीर सपूत हैं। रवीन्द्र कौशिक ने अपना पूरा जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया। वह देश के लिए जिएंगे और देश के लिए मरेंगे।' माना जाता है कि सलमान खान की फिल्म 'एक था टाइगर' रवींद्र कौशिक के जीवन से प्रेरित है।